समाज का सुरक्षा चक्र: पुलिस ही पहली और अंतिम उम्मीद

आमतौर पर 'पुलिस है ना, देख लेगी' का भाव तब उत्पन्न होता है, जब व्यक्तिगत विवादों की सहन सीमा समाप्त हो जाती है।

History

21
Oct
2025 8:22 PM


समाज का सुरक्षा चक्र: पुलिस ही पहली और अंतिम उम्मीद